नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) के बिना वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार यहां के सभी 400 से अधिक पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच के लिए विशेष कैमरे लगाएगी।
25 पेट्रोल पंपों पर पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद अब परिवहन विभाग के तहत दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (डीटीआइडीसी) ने 100 और पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच को विशेष कैमरे लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, जिसकी अनुमानित लागत 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसी टेंडर को आगे विस्तार देकर बाकी 300 से अधिक पेट्रोल पंपों पर भी साफ्टवेयर इंस्टाल किए जाएंगे। पेट्रोल पंपों पर आने वाले वाहनों में वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होने पर वाहन मालिक के मोबाइल पर संदेश भेजा जाता है, उसके बाद भी पीयूसी नहीं बनवाने पर 3 घंटे बाद ई-चालान काटा जाएगा और इसकी सूचना मोबाइल पर दी जाएगी।
परिवहन विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के प्रत्येक पेट्रोल पंप पर कैमरे पहले से लगे हुए हैं और टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनी को प्रत्येक पेट्रोल पंप पर साफ्टवेयर इंस्टाल करना है। टेंडर 5 सालों के लिए दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप मालिकों को विश्वास में लिया गया है। इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विभाग ने 25 पेट्रोल पंपों पर पीयूसी वैधता सत्यापन प्रणाली स्थापित की थी। इस दौरान करीब 24 प्रतिशत वाहन यहां पर वैध पीयूसी के बिना पाए गए थे।
बता दें कि कैमरे नंबर प्लेट को स्कैन करके यह पता लगा सकते हैं कि वाहन के पास वैध पीयूसी सर्टिफिकेट है या नहीं। वाहनों का कार्बन मोनोआक्साइड और कार्बन डाइआक्साइड जैसे प्रदूषकों के उत्सर्जन मानकों के लिए परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है।