नई दिल्ली: महात्मा गांधी (मनरेगा) योजना के तहत मजदूरी को संशोधित किया गया है। अलग अलग राज्यों में मेहनताने में चार से दस प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। एक अधिसूचना के मुताबिक अब योजना के तहत अकुशल श्रमिकों को देश में सबसे ज्यादा 374 रुपये प्रति दिन की मजदूरी हरियाणा में मिलेगी जबकि सबसे कम मेहनताना उन्हें अरुणाचल व नगालैंड में मिलेगा जहां इस योजना के तहत काम करने पर मजदूरों को 234 रुपये प्रति दिन की मजदूरी मिलेगी। सिक्किम की तीन पंचायतों ग्नथांग, लाचुंग और लाचेन में मजदूरी दर 374 रुपये प्रतिदिन है।
लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगे होने की वजह से चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी की नयी दरों की सूची जारी की। जिसमें गोवा में मजदूरी दर में 34 रुपये की बढ़ोतरी की गई है जो कि वृद्धि के मामले में राज्यों मे सबसे अधिक है।
राज्यों में मजदूरी की नई दरें ( रुपये में )
राज्य मजदूरी
उत्तर प्रदेश 237
बिहार 228
उत्तराखंड 237
बंगाल 250
हरियाणा 374
सिक्किम 374
तमिलनाडु 319
तेलंगाना 300
आंध्र प्रदेश 300
गोवा 356
राज्यों में मजदूरी दर 400 से कम
कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यों में मजदूरी दर 400 रुपये प्रतिदिन से काफी कम है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मनरेगा की मजदूरी दर एक अप्रैल से हर साल संशोधित की जाती है। इस मुद्दे को छोड़ भी दें कि यह आगामी चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो भी सभी राज्यों में घोषित दैनिक मजदूरी दर 400 रु. प्रति दिन से नीचे है, जो कांग्रेस की श्रमिक न्याय गारंटी का हिस्सा है। टीएमसी नेता साकेत गोखले ने कहा कि बंगाल के लिए केवल पांच प्रतिशत वृद्धि की गई है, यह राज्य के लिए भाजपा की नफरत को दिखाती है।
राहुल ने मनरेगा मजदूरी में बढ़ोतरी नाकाफी बताई
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा के तहत मजदूरी में प्रतिदिन 4 से 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी किए जाने को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष किये। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि मनरेगा श्रमिकों को बधाई ! उन्होंने लिखा कि मनरेगा श्रमिकों को बधाई हो कि पीएम ने मजदूरी सात रुपये बढ़ा दी है।
नई दरें भाजपा का बंगाल के लिए नफरत का प्रदर्शन
तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने को कहा कि बंगाल के लिए मनरेगा मजदूरी दर में केवल पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, जबकि गुजरात के लिए यह 9 प्रतिशत से अधिक और आंध्र प्रदेश के लिए 10 फीसद से अधिक है। यह बंगाल के प्रति भाजपा की नफरत का एक शर्मनाक प्रदर्शन है।