बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) की एक नेपाली छात्रा ने रूम मेट का न्यूड वीडियो बना लिया। फिर इसे विदेश में रहने वाले अपने ब्वॉयफ्रेंड को भेज दिया। आरोप है की उसने वहां वीडियो को वायरल कर दिया। जैसे ही रूममेट को इस बारे में पता चला। तो हंगामा होना लाजिमी था, फिर दोनो छात्राओं में जमकर मारपीट हुई।
मारपीट के बाद दोनों ने सुसाइड करने की भी कोशिश की। पहले दोनों ने सुसाइड नोट लिखा। फिर एक ने छत के कुंडे से फांसी लगाने, तो दूसरी ने चाकू से हाथ की नस काटने का प्रयास किया।
हालांकि इंटरनेशनल हॉस्टल की लड़कियां पहुंच गईं। उन्होंने दोनों छात्रों को समझाया। इसकी शिकायत वार्डन से की गई। वार्डन ने चीफ प्रॉक्टर को इस बारे में बताया। शनिवार को प्रॉक्टर ने दोषी छात्रा को निष्कासित कर दिया।
इसके बाद दोनों छात्राओं के खिलाफ जांच शुरू हुई। जांच में नेपाली छात्रा दोषी मिली। विदेश में दोस्त से बातचीत के कई अहम सबूत मिले। छात्र ने अपना जुर्म कबूल लिया और माफी मांगी। शनिवार को चीफ प्रॉक्टर ने छात्रा को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया।
आरोपी छात्रा नेपाल की रहने वाली है। वह 2 साल से हॉस्टल में रह रही थी। वहीं, पीड़ित कृषि विज्ञान संस्थान की छात्रा है। उसने इंटरनेशनल हॉस्टल के रूम रखा था। रूम में आरोपी-पीड़ित छात्रा के अलावा एक और लड़की रहती है।
पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को नेपाली छात्र ने मजाक में छात्र का न्यूड वीडियो बना लिया। फिर दोनों क्लास मेट को भी वीडियो दिखाई। फिर दोनों छात्राओं ने उससे वीडियो डिलीट करने को कहा। मगर उसने वीडियो डिलीट नहीं किया और विदेश में अपने ब्वॉयफ्रेंड को भेज दिया।
इसके बाद दोनों ने उसकी मोबाइल लेकर चेक किया, तो वॉट्सऐप पर वीडियो सेंड पाया। फिर आरोपी छात्रा से से डिलीट करवाने के लिए कहा। मगर तब भी छात्रा ने वीडियो को डिलीट नहीं करवाया। पीड़ित छात्रा का आरोप है कि आरोपी छात्रा के ब्वॉयफ्रेंड ने वीडियो को वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने पर उसको इस बारे में पता चला। इसके बाद तीनों रूममेट्स में मारपीट हुई।
चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर शिव प्रकाश सिंह का कहना है कि दो सदस्यीय जांच कमेटी से मामले की जांच कराई गई। इसमें आरोप सही पाए गए। जिस छात्रा ने वीडियो बनाया था, उसे हॉस्टल से निष्कासित कर दिया है। शनिवार को छात्रा के परिजन भी आए थे, दोनों ने घरवालों की मौजूदगी में लिखित समझौता कराया गया। हालांकि, वीडियो बनाने वाली छात्रा का निष्कासन वापस नहीं लिया गया है।