बाबा विश्वनाथ के परमभक्त स्वामी चैतन्य भारती ने गंगा में ली जलसमाधि: पीएम-सीएम सहित संत समाज में फैली शोक की लहर, काशी की संत परंपरा में एक युग की समाप्ति?
बाबा विश्वनाथ के परमभक्त स्वामी चैतन्य भारती ने गंगा में ली जलसमाधि

वाराणसी: स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती महाराज जोकि श्रीकाशी विश्वनाथ के परम भक्त रहे उनका रविवार को 108 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले 80 वर्षों से काशी में रहते थे। बीते 25 दिनों से उन्हें रामकृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया जो लक्सा में स्थित है लेकिन वहां उनके स्वस्थ में कोई सुधार नहीं हो पाए। अंत में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने अपना देहत्याग दिया।

स्वामी महाराज के निधन का समाचार मिलते ही संत समाज में शोक की लहर फैल गई। रविवार देर रात मणिकर्णिका घाट के सामने उन्हें गंगा में जल समाधि दी गई। निधन से पहले तक स्वामी जी ललिता घाट स्थित राजराजेश्वरी मठ में रहते थे। वे तीसरी मंजिल के कमरे में एकांतवास करते और दिन भर साधना में लीन रहते थे।

पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और काफी कमजोर हो गए थे। इसके बावजूद वे प्रतिदिन बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती में शामिल होते थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।

जानते हैं  स्वामी शिवशंकर चैतन्य महाराज के बारे में...

राजस्थान में जन्में, काशी में बिताया जीवन

स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती महाराज का जन्म राजस्थान के निमोड़ गांव में हुआ था। पिता जगदीश चंद्र मिश्र संस्कृत के विद्वान थे। मा बच्ची देवी गृहिणी थीं। इनके छोटे भाई प्रो. सुधांशु शेखर शास्त्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से रिटायर हो चुके हैं।

20 वर्ष की आयु में बने संन्यासी

काशी में जीवन बिताने वालेस्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती 20 साल की उम्र में ही समाज से विरक्त हो गए और संन्यास धारण कर लिया। पत्नी का त्याग करके काशी पहुंचे शिवानंद बाबा विश्वनाथ के शरण में पहुंचे और सुबह 2.30 बजे से शाम 6 बजे तक गर्भगृह में बैठकर अभिषेक करते रहे। उनका यह क्रम 8 दशकों तक जारी रहा।

पीएम मोदी-सीएम योगी ने दुःख जताया

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- भगवान विश्वनाथ के परम भक्त संत शिवशंकर चैतन्य भारती जी के महाप्रयाण का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। वे मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ की सेवा में अनवरत उपस्थित रहते थे। उनका प्रयाण काशी की संत परंपरा के लिए बड़ी क्षति है। संत भारती महाराज के शिव स्वरूप में विलीन होने पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

उनके ब्रह्मलीन होने से हुआ एक युग का अंत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती महाराज के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि उनके ब्रह्मलीन होने से एक युग का अंत हुआ है। साथ ही सोशल मीडिया पर लिखा कि स्वामी चैतन्य भारती जी का जाना संत समाज और आध्यात्मिक जगत के लिए अथाह दुख का क्षण एवं एक अपूरणीय क्षति है। 

अमित शाह ने भी दी श्रद्धांजलि

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- संतश्रेष्ठ श्री शिवशंकर चैतन्य भारती जी महाराज, भगवान विश्वनाथ के अनन्य भक्त थे। उनके ब्रह्मलीन होने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई। उनका जीवन सदाचार व अध्यात्म का प्रेरणास्रोत है जो कि बाबा विश्वनाथ की सेवा और भक्ति को समर्पित था।

उनके जाने से काशी के संत परंपरा में एक युग का अंत हो गया है। पुण्यात्मा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और बाबा विश्वनाथ उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें, यह कामना करता हूं।

6 दिन में ही BHU में दी कोरोना को मात

महात्मा शिव शंकर चैतन्य भारती कोरोना को मात देने वाले यूपी से सबसे बुजुर्ग व्यक्ति थे। 2020 में BHU अस्पताल में 6 दिनों तक भर्ती रहे। 7 वें दिन ही डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर फोटो खिंचवाई। पूरे भारत में एक मैसेज गया कि काशी से 103 साल के बुजुर्ग भी रिकवरी कर सकते है।

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