ICICI के ब्रांच मैनेजर ने निवेश के नाम पर महिला से ठगे 12 करोड़ रुपए: हुआ गिरफ्तार पुलिस कर रही है आगे की पूछताछ
ICICI के ब्रांच मैनेजर ने निवेश के नाम पर महिला से ठगे 12 करोड़ रुपए

दिल्ली एनसीआर में आए दिन ठगी और लूट जैसी वारदात के बारे में सुनने के लिए मिलता है। वहीं ठग इतने शातिर हो गए हैं कि वो पुलिस के पहुंच से दूर रहने की हर संभव प्रयास करते हैं। लेकिन वाबजूद इसके भी पुलिस हर अपराध का खुलासा करने में कामयाब होती है।

 बता दें कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने परिचित महिला से निवेश के नाम पर 12 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले मुख्य बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया है। 

गौरतलब है कि आरोपी की बात की जाए तो उसका नाम वरुण वशिष्ठ जो कि द्वारका का रहने वाला है। वह विकास पुरी स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में मुख्य प्रबंधक के पद पर तैनात था। हालांकि इस फर्जीवाड़े में बैंक के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने का भी शक है।

 फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। वही पुलिस के द्वारा आरोपी के पास से 40 से ज्यादा बैंक अकाउंट, एक हुंडई वर्ना कार, 10 से ज्यादा डेबिट, और क्रेडिट कार्ड और वेल्थ मैनेजमेंट कार्ड, फर्जी एफडी के 12 दस्तावेज लैपटाप और अन्य समान बरामद किया गया है। 

शाखा प्रबंधक पर 12 करोड़ की ठगी का आरोप

बता दें कि पीड़िता की ओर से दर्ज कारवाई गई शिकायत में बताया गया है कि आइसीआइसीआइ बैंक की विकासपुरी शाखा के प्रबंधक वरुण वशिष्ठ समेत अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने अच्छे रिटर्न देने के बहाने धोखाधड़ी से उससे और उनके पति से लगभग 12 करोड़ रुपये ठगे गए हैं। वही शाखा प्रबंधक के द्वारा पूरा पैसा हड़प लिया गया है। हालांकि पीड़ित के द्वारा 2019 से 2023 के दौरान आइसीआइसीआइ के दो खातों में 13.5 करोड़ का निवेश किया गया था। बताते चलें कि जनवरी 2024 तक संभवत यह 16 करोड़ से ज्यादा हो जाता। लेकिन आरोपी ने अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से पहले ही खातों से पैसे निकाल लिया। इस ठगी को अंजाम देने के लिए आरोपी ने 12 फर्जी सावधि जमा खाते बनाए और जिसके बाद आरोपी के द्वारा उनके पैसे का दुरुपयोग किया गया। यह जानकर हैरानी होगी कि जनवरी 2024 को पीड़ता को पता चला कि उनके नाम पर कोई सावधि जमा नहीं है और लगभग 2.73 करोड़ उसके सावधि जमा खाते के विरुद्ध उसके नाम पर खोले गए फर्जी ओवरड्राफ्ट खाते में ऋण है। हालांकि इसके बाद पीड़िता ने बैंककर्मी  के द्वारा ठगी की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई। वही शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। 

पीड़िता के अकाउंट से 40 से ज्यादा खातों में भेजा पैसा

बता दें कि डीसीपी विक्रम पोरवाल का कहना है कि पीड़िता के खातों से 40 से ज्यादा खातों में पैसा भेजा गया है। वहीं मुख्य प्रबंधक रहते हुए वरुण वशिष्ठ ने पीड़िता के बिना अनुमति के खाते से पैसे निकाले। इसके लिए उसने पीड़िता के दस्तावेज हासिल किया और बैंककर्मी उनके फर्जी हस्ताक्षर भी किए। यहां तक वह पीड़िता की चेक बुक और डेबिट कार्ड भी अपने पास रखता था। डीसीपी ने आगे बताया कि इस ठगी मामले में अन्य अधिकारियों के शामिल होने का शक है। बता दें कि गिरफ्तार हुए आरोपी से पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है इस स्कैम में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। 

पीड़ित महिला पति के साथ विदेश में रहती है

गौरतलब है कि पीड़ित महिला अपने पति के साथ विदेश में रहती है। उसके बैंक संबंधित लेन देन आरोपी लंबे समय से देख रहा था। इससे पहले आरोपी इंडसइंड बैंक में उप शाखा प्रबंधक था, उस बैंक में भी पीड़िता का खाता था। वहां वह पीड़िता के खातों को देखता था, इस दौरान उसने महिला पर विश्वास जमा लिया। हालांकि आरोपी 2017 में इंडसइंड बैंक छोड़ कर आइसीआइसीआइ बैंक में न्यू रेलवे रोड,गुरुग्राम शाखा में शाखा प्रबंधक के तौर पर ज्वाइन किया तो उसने वहां भी पीड़िता का अकाउंट खुलवाया। इसके बाद वह विकासपुरी में मुख्य शाखा प्रबंधक के पद पर ज्वाइन किया। यहां उसने पीड़िता को निवेश के नाम पर पैसे लेकर कुल 13 एफडी खाते खोले,जिसमें से एक सहीं था उसमें उसने तीन करोड़ की एफडी कराई गई थी। हालांकि पुलिस मामले की जांच गम्भीरता से कर रही है। आरोपी से और लोगों का सुराग जुटाने में लगी हुई है।

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