बहुप्रतीक्षित हेरिटेज सिटी के डीपीआर पर लगी शासन की मुहर: 6000 करोड़ की आएगी लागत, यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे टाउनशिप बनाने की भी तैयारी
बहुप्रतीक्षित हेरिटेज सिटी के डीपीआर पर लगी शासन की मुहर

ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में राया के पास बसाई जाने वाली हेरिटेज सिटी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर शासन की मुहर लग गई है। लखनऊ में हुई पब्लिक प्राइवेट पाार्टनरशिप बिड इवेल्यूशन कमेटी (पीपीपीबीईसी) की बैठक में इस पर मुहर लगी है। कुल 3000 एकड़ में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी के प्रथम चरण में 753 एकड़ क्षेत्र का विकास होगा। इस पर करीब 6000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए जीरो प्वाइंट से 101 किमी पर 6.9 किमी लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण भी किया जाएगा। नए एक्सप्रेसवे के किनारे 3000 एकड़ में हेरिटेज सिटी बसाए जाने की तैयारी चल रही है। हेरिटेज सिटी के प्रथम चरण में अरुआ खादर, अरुआ बांगर, पानीगांव खादर, पिपरोली खादर,भीम खादर समेत आसपास के एक दर्जन गांव आ रहे हैं। इन सभी गांवों की 753 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा।

राया हेरिटेज सिटी के लिए डीपीआर को मंजूरी:

यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे राया के पास हेरिटेज सिटी विकसित करने की योजना बनाई। इसकी डीपीआर सीबीआरई द्वारा बनाई गई है। वृंदावन में राया के पास यमुना नदी तक करीब सात किलोमीटर का 100 मीटर चौड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। जिसमें थीम बेस्ड हेरीटेज सेंटर, योग वैलनेस सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, होटल, स्थानीय कला एवं कलाकालों के लिए हॉट आदि विकसित किए जाएंगे। ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने इसके लिए कुछ सुझाव दिए थे। जिनको शामिल कर डीपीआर में संशोधन किया गया। सोमवार को बोर्ड बैठक में डीपीआर रखी गई जिसे पास कर दिया गया। अब बिड इवैल्यूएशन कमेटी इस पर निर्णय लेगी। इसके बाद विकासकर्ता कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अब डीपीआर बिड इवैल्यूएशन क के पास जाएगी। इसके बाद विकासकर्ता का चयन किया जाएग।

मास्टर प्लान पर लग चुकी है मुहर:

यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने मास्टर प्लान-2041 का अनुमोदन दिया। बोर्ड की स्वीकृति के बाद अब इसे उत्तर प्रदेश शासन को भेजा जाएगा। अब यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 1149 गांव अधिसूचित हो जाएंगे। वहीं, इसमें 1050 हेक्टेयर और जमीन एविएशन हब के लिए दे दी गई है। यमुना प्राधिकरण छह जनपदों गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा एवं आगरा तक फैला हुआ है।

1220 करोड़ में होगा हेरिटेज सिट तैयार:

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हेरिटेज सिटी को तैयार करने में करीब 1220 करोड़ रुपये लागत लगेगी। हेरिटेज सिटी को लेकर बनाई परिकल्पना में आश्रम, घाट, हाट बाजार, लाइट साउंड शो, वनहस्तशिल्प बाजार, चिकित्सालय, लेक, मथुरा कला ताथा संस्कृति, योगा सेंटर, पार्क, मेडिटेशन हॉल, धर्मशाला आदि होंगे। वहीं इसके अंतर्गत आने वाले गांवों को भी डेवलप किया जाएगा।

कितने एकड़ में होंगी य सुविधाएं...?

इस थीम बेस्ट हेरिटेज सेंटर को 350 एकड़ में बनाया जाएगा। जिसमे एक योगा वेलनेस सेंटर होगा जो 103 एकड़ में बनाया जाएगा। ग्रीन पार्क 97 एकड़ में तैयार होगा। 46 एकड़ में टूरिस्ट ट्रेवल फैसिलिटी बनाया तो वहीं कन्वेंशन सेंटर 42 एकड़ में होगा।

इसके साथ ही आयुर्वेद 35 एकड़ में स्टार होटल  तैयार होगा। यहां करीब 19 एकड़ में होटल भी बनेगा। यहां बेहसहारा लोगों के लिए एक 10 एकड़ में हेरटेज सेंटर भी बनाया जाएगा। यहां एक सर्विस अपार्टमेंट भी होगा जो करीब 6 एकड़ में बनाया जाएगा। टूरिस्ट फैसिलिटी 8.40 एकड़ में फैला हुआ होगा।

एक नजर में हेरिटेज सिटी:

सुविधा- प्रस्तावित क्षेत्र
थीम आधारित हेरिटेज सेंटर - 350 एकड़
नेचुरोपैथी,योग व वेलनेस सेंटर  - 103 एकड़
हरित क्षेत्र - 97 एकड़
टूरिस्ट ट्रेवल फैसिलिटी - 46 एकड़
कन्वेंशन सेंटर - 42 एकड़
आयुर्वेद - 35 एकड़
स्टार होटल - 26 एकड़
बजट होटल - 19़ 60 एकड़
वृद्धाश्रम - 10 एकड़
सर्विस अपार्टमेंट - 7 एकड़
पर्यटन सुविधाएं - 8़ 40 एकड़

हेरिटेज सिटी किसे कहते हैं?

वर्ड हेेेरिटेज सिटी योजना यूनेस्को द्वारा चलाई गई योजना है जिसके अंतर्गत ऐसे शहरों को विश्व स्तर पर चयनित करना है जिनमें सबसे ज्यादा पौराणिक विरासतें हो जिनको संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, एक इमारत, एक क्षेत्र, एक स्थान, या एक शहर, जिसे संगठन यूनेस्को द्वारा यह कहने के लिए सूची में रखा गया है कि इसका विशेष महत्व है और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए। आज विनियस का पुराना शहर एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।

एक्सप्रेसवे के किनारे अर्बन सेंटर बनने की भी तैयारी:

आगरा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे 10,500 अर्बन सेंटर विकसित करेगा। पहले चरण में इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित की जाएगी। इसमें चार स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसीईजेड) होंगे। इसमें इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब पर जोर रहेगा।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह से मिली सूचना के अनुसार टाउनशिप की रूप रेखा तय करने के लिए विशेषज्ञ कंपनी तय कर ली गई है जो अगले दो महीने में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट देगी। यमुना प्राधिकरण की सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में टाउनशिप पर मुहर लग गई। पहले चरण में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों ओर डे डेढ़ किलोमीटर के दायरे में यह विकास होगा।

एसईजेड के लिए कंपनी चयनित:

इसमें इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब, डेटा सेंटर आदि को जगह मिलेगी। इस टाउनशिप की रूपरेखा मार्स कंपनी बनाएगी। कंप का चयन हो गया। यहां उद्योगों के साथ संस्थागत, व्यावसायिक, आवासीय गतिविधियां भी होंगी। साथ ही यहां पर्यटन और ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता भी दी जाएगी। यहां 20 प्रतिशत में आवासीय योजनाएं आएंगी और सबसे ज्यादा 25 प्रतिशत में औद्योगिक गतिविधियां होंगी। यीडा सिटी 37000 हेक्टेयर में विकसित होगी।

दूसरी ओर यमुना पुस्ते पर नोएडा-ग्रेनो के बीच बनने वाले नए एक्सप्रेसवे के लिए नोएडा प्राधिकरण ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट एनएचएआई को भेज दी है। जल्द ही एनएचएआई की टीम मौके पर आकर निरीक्षण करेगी। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से भेजी गई फिजिबिलटी रिपोर्ट में सामने आया है कि सेक्टर-94 से यमुना पुस्ता के साथ ग्रेटर नोएडा तक एक्सप्रेसवे बनाने के लिए जमीन उपलब्ध है। यहां पर एक्सप्रेसवे बनाया जा सकता है। एक्सप्रेस एलिवेटेड या जमीन पर बनाने के दोनों विकल्प मौजूद हैं।

अन्य खबरे