ग्रेटर नोएडा/आगरा : अगर आप जमीन में निवेश करने की सोच रहे हैं या अपने भविष्य का घर राजधानी के करीब चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए किसी सुनहरे मौके से कम नहीं! यमुना एक्सप्रेसवे किनारे अब एक नया मेगासिटी बसने जा रहा है। इसका नाम "न्यू आगरा अर्बन सेंटर" होगा।, जो 2041 तक पूरी तरह तैयार होगा। यह शहर न केवल शानदार होगा, बल्कि 14.6 लाख लोगों को घर और 8.5 लाख लोगों को रोजगार भी देगा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने इस मेगाप्लान का ज़ोनल प्लान फाइनल कर लिया है और मंगलवार को जेपी होटल में सभी स्टेकहोल्डर्स के सामने इसका प्रेजेंटेशन पेश किया गया।
कहां बनेगा ये नया शहर?
आपको बता दें कि जेवर से लेकर आगरा के कुबेरपुर तक फैलेगा यह अर्बन सेंटर, जो करीब 12,000 हेक्टेयर जमीन पर बसाया जाएगा। इस इलाके में एक्सप्रेसवे के दोनों किनारे शानदार आवासीय कॉलोनियां, उद्योग, होटल, स्पोर्ट्स सिटी और थीम पार्क विकसित होंगे।
"स्मार्ट सिटी" नहीं, ये होगी मेगा सिटी! :
गौरतलब है कि इस परियोजना में 25% ज़मीन इंडस्ट्री के लिए आरक्षित रहेगी। जिसमें गैर-प्रदूषणकारी उद्योग और टूरिज्म आधारित उद्योगों को प्राथमिकता मिलेगा। इसमें 2,000 हेक्टेयर उद्योग के लिए, जबकि 1,000 हेक्टेयर टूरिज्म के लिए आरक्षित रहेगा।
पहला चरण (2025-2029) में औद्योगिक क्षेत्र से होगी शुरुआत :
आपको बता दें कि 4 चरणों में शहर का पूरा विकास 2041 तक होगा। साथ ही 100 एकड़ में लेदर पार्क का प्रस्ताव (फुटवियर परिषद की मांग) भी दिया गया है।
पानी कहां से आएगा? :
गौरतलब है कि इस मेगासिटी की जल जरूरतें पूरी करने के लिए यमुना और लोअर गंगा नहर से पानी की व्यवस्था की जाएगी।
आवास और रोजगार की योजना :
आपको बता दें कि 14.6 लाख की आबादी के लिए रेजिडेंशियल ज़ोन बनेगा। 8.5 लाख रोजगार के अवसर मिलेगा। यहां पहले चरण में 36 गांव शामिल होंगे, बाद में 58 और गांवों की जमीन जोड़कर योजना का विस्तार किया जाएगा। यहां आधुनिक सड़कें, मेट्रो-जैसी ट्रांसपोर्ट सेवाएं प्रस्तावित हैं।
TTZ पर लगी पाबंदियों से भी मिलेगी राहत :
मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने बैठक में कहा कि ताज ट्रैपेजियम जोन (TTZ) में उद्योगों पर लगी रोक को जल्द हटाने की तैयारी है। सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर रही है।
क्या बोले स्टेकहोल्डर्स? :
आपको बता दें कि पूरन डावर (फुटवियर चेयरमैन) ने जेवर में लेदर पार्क के लिए 100 एकड़ जमीन की मांग की। केसी जैन (वरिष्ठ अधिवक्ता) ने कहा कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया सरल की जाए। वहीं प्राधिकरण CEO अरुणवीर सिंह ने कहा कि 15 दिन के भीतर आम जनता और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे जाएंगे, फिर योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा
इस परियोजना से क्या होगा असर? :
आपको बता दें कि इस परियोजना से जमीन के दामों में बंपर उछाल की संभावना है। आगरा, नोएडा, मथुरा और ग्रेटर नोएडा को जबरदस्त फायदा होगा। इससे यूपी को नया ग्लोबल टूरिज्म और इंडस्ट्रियल हब मिलेगा। इससे निवेशकों के लिए अब ‘गोल्डन चांस’ बनेगा।
सपने जैसा लगने वाला यह शहर जल्द हकीकत बनने जा रहा है। अगर आपने अब तक निवेश नहीं किया, तो शायद बाद में पछताना पड़े। यमुना एक्सप्रेसवे किनारे जमीन अब सिर्फ ज़मीन नहीं, भविष्य की नींव बन चुकी है। साथ ही यह परियोजना UP के GDP विकास में अमूल्य योगदान देगी।