यूपी वेस्ट...रामभद्राचार्य के ‘मिनी पाकिस्तान’ बयान से सियासी भूचाल!: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भड़के, तो नेहा राठौर ने कसा तंज वही जानें सपा का पलटवार...जानें पूरा मामला
यूपी वेस्ट...रामभद्राचार्य के ‘मिनी पाकिस्तान’ बयान से सियासी भूचाल!

मेरठ/दिल्ली : पश्चिमी उत्तर प्रदेश को “मिनी पाकिस्तान” कहने वाले जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयान ने पूरे देश की सियासत में भूचाल ला दिया है। साधु-संतों से लेकर राजनीतिक दल और कलाकार तक इस विवाद में कूद पड़े हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने योगी सरकार पर सवाल दाग दिए, तो लोकगायिका नेहा राठौर ने इसे “गेरुए वस्त्र का अपमान” बता डाला। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि “यह बयान विभाजनकारी और दुर्भाग्यपूर्ण है।”

रामभद्राचार्य का विवादित बयान – ‘वेस्ट यूपी लगता है मिनी पाकिस्तान’
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेरठ में चल रही सात दिन की रामकथा के दौरान रामभद्राचार्य ने कहा कि - “आज हिंदुओं पर संकट है। पश्चिमी यूपी में आकर लगता है कि मानो यह मिनी पाकिस्तान हो। यहां हिंदुओं का पलायन हो रहा है, उनकी संख्या घट रही है और बाहुल्य बदल रहा है। संभल में तो सिर्फ 15% हिंदू ही रह गए हैं। अगर हिंदू सजग नहीं हुए तो हालात और बिगड़ेंगे। हर घर में हिंदू धर्म की पाठशाला बनानी होगी।”
उनका यह बयान सामने आते ही माहौल गरमा गया और प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई।

अविमुक्तेश्वरानंद का सीधा सवाल – योगीराज में पाकिस्तान कैसे?
गौरतलब है कि बिहार में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने तीखा हमला बोला कहा कि - “उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है और उसी राज में रामभद्राचार्य कह रहे हैं कि पश्चिमी यूपी पाकिस्तान बन रहा है। यह सुनकर धक्का लगता है। अगर उनके मुंह से यह निकल रहा है तो बहुत गंभीर बात है।”
उन्होंने साफ कहा कि “योगीराज में पाकिस्तान बनने की बात कहना अचंभित करता है।”

नेहा राठौर का तंज – ‘गेरुए वस्त्र का अपमान, असली खतरा भाजपाई विद्वानों से’
विदित है कि लोकगायिका और चर्चित कलाकार नेहा सिंह राठौर ने एक्स (Twitter) पर लिखा कि - “क्या गेरुआ वस्त्र पहनकर कुछ भी अनाप-शनाप बोलना गेरुए वस्त्र का अपमान नहीं है? देश की एकता और अखंडता को सबसे बड़ा खतरा इन भाजपाई विद्वानों से है।”
उनकी इस पोस्ट ने युवा वर्ग और सोशल मीडिया पर बहस और तेज कर दी है।

सपा सांसद का पलटवार – ‘यह भारत का अभिन्न अंग है’
गौरतलब है कि सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि - “पश्चिमी यूपी को मिनी पाकिस्तान कहना गलत है। यहां के सभी नागरिक भारतीय हैं और यही भारत की असली ताकत है। यह बयान सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकता है।” उन्होंने सरकार से मांग की कि “ऐसे विभाजनकारी बयानों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।”

पूर्व सांसद एसटी हसन का बयान – धर्म का काम सियासत नहीं
विदित है कि पूर्व सांसद एसटी हसन ने भी टिप्पणी की – “धार्मिक पद पर बैठे व्यक्ति को राजनीति नहीं करनी चाहिए। लाखों लोग उन्हें फॉलो करते हैं, इसलिए उनके शब्दों का असर समाज पर पड़ता है। उन्हें सियासी बयान देने से बचना चाहिए।”

रामभद्राचार्य के अन्य विवादित बयान :
● “हिंदुओं के कम से कम तीन बच्चे होने चाहिए।”
● “जिसको मरना है, मरे; मैं टेंशन नहीं लेता।”
● “महिलाएं हिंदू धर्म में देवी होती हैं, बाकी धर्मों में सिर्फ बीवी।”
● “मेरी कथा का पैसा लेना हिंदुओं के मांस छूने जैसा पाप है।”

इन बयानों के चलते पहले भी वे सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन “मिनी पाकिस्तान” वाला बयान सबसे ज्यादा चर्चा वाला साबित हुआ है।

चुनावी मौसम और धार्मिक राजनीति का संगम :
आपको बता दें कि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि “मिनी पाकिस्तान” जैसा बयान केवल धार्मिक नहीं बल्कि चुनावी राजनीति से भी जुड़ा हुआ है। पश्चिमी यूपी हमेशा से साम्प्रदायिक तनाव और पलायन की खबरों के लिए चर्चा में रहा है। अब रामभद्राचार्य के कथन ने इस बहस को और भड़का दिया है।

रामभद्राचार्य का बयान अब सिर्फ कथा का हिस्सा नहीं रहा, बल्कि यह राजनीतिक-धार्मिक विवाद का बड़ा मुद्दा बन चुका है। सवाल यह है कि क्या इस तरह के बयान समाज को जोड़ते हैं या तोड़ते हैं?

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