नई दिल्ली : जीएसटी (GST) की दरों में कटौती के बाद अब सरकार ने जनता तक इसका सीधा फायदा पहुँचाने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है। 22 सितंबर से देशभर के दुकानदारों और दवा विक्रेताओं को अपने-अपने स्टोर और मेडिकल शॉप के बाहर उन सभी वस्तुओं की नई कीमतें प्रदर्शित करनी होंगी जिनकी जीएसटी दरों में कमी की गई है। यानी अब ग्राहक दुकान पर जाते ही जान पाएंगे कि कौन सा सामान पहले से सस्ता हो गया है।
जनता को सीधा फायदा दिलाने की कवायद
आपको बता दें कि 3 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में 400 से ज्यादा आइटम पर टैक्स घटा दिया गया था। इनमें साबुन, शैंपू, तेल, पैक्ड फूड और कई तरह की दवाएँ शामिल हैं। सरकार चाहती है कि यह राहत केवल कागजों तक न रह जाए बल्कि सीधे ग्राहकों की जेब तक पहुँचे। इसके तहत -
●दुकानदारों को नई रेट लिस्ट लगानी होगी।
●दवा विक्रेता दवा की नई कीमतें बाहर डिस्प्ले करेंगे।
●ग्राहक पुरानी छपी कीमत से गुमराह नहीं होंगे।
रोज़मर्रा के सामान पर सीधा असर :
विदित है कि जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में 400 से ज़्यादा प्रोडक्ट्स की दरें घटाई गई थीं। इनमें शामिल हैं—
●तेल
●साबुन
●शैंपू
●पैक्ड फूड
●घरेलू सामान
●कई ज़रूरी दवाइयाँ
पुराने स्टॉक पर छपी हुई कीमत को बदलना तुरंत संभव नहीं है, लेकिन दुकानदारों को मजबूर किया जाएगा कि वे बाहर लिस्ट लगाकर ग्राहक को बता दें कि कौन सा सामान अब सस्ता है।
होटल और जिम भी हुए सस्ते :
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 22 सितंबर से होटल में रहना भी सस्ता होगा। 7500 रुपये प्रतिदिन तक के कमरे पर केवल 5% जीएसटी लगेगा। वहीं होटल मालिक अब इन कमरों पर 18% टैक्स नहीं वसूल सकेंगे। जिम और ब्यूटी सर्विस पर भी सिर्फ 5% जीएसटी देना होगा।
दवा और इंश्योरेंस पर राहत :
विदित है कि जिन दवाओं की जीएसटी दरें कम की गई हैं, उनकी नई कीमतें बाहर प्रदर्शित करनी होंगी। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर पूरी तरह जीएसटी माफ कर दिया गया है।
ग्राहक की पैसा बचेगा, दुकानदार पर जिम्मेदारी बढ़ी :
आपको बता दें कि सरकार ने साफ कहा है कि दुकानदार पुराने स्टॉक की आड़ में ज्यादा पैसे वसूल नहीं कर सकते। अब जनता को यह फायदा हर हाल में मिलेगा। दुकानदारों और कंपनियों को 22 सितंबर से पहले अपने उत्पादों और सेवाओं की नई कीमतें सार्वजनिक करनी होंगी।
जनता पर असर
गौरतलब है कि अब इस फैसले से ग्राहकों की जेब में सीधी बचत होगी। क्योंकि रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती होंगी। साथ मे होटल में ठहरना और जिम-जैसी सेवाएँ किफ़ायती होंगी। वहीं दवाओं के दाम घटने से मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा।
मतलब साफ है कि 22 सितंबर से देशभर में दुकानों, मेडिकल शॉप और होटलों का मंजर बदलेगा। ग्राहक के हाथ में राहत और दुकानदार के लिए पारदर्शिता अनिवार्य हो जाएगी।