क्या नीरव मोदी, मेहुल चोकसी-माल्या की होगी वतन वापसी!: ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का किया निरीक्षण...भारत सरकार ने दिया सुरक्षा और इंसाफ का भरोसा
क्या नीरव मोदी, मेहुल चोकसी-माल्या की होगी वतन वापसी!

नई दिल्ली: देश से भागे हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधियों को वापस लाने की कोशिशों में भारत सरकार ने एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की टीम ने हाल ही में दिल्ली की तिहाड़ जेल का दौरा किया। टीम ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था, हाई-सिक्योरिटी वार्ड और कैदियों के हालात का बारीकी से निरीक्षण किया। इस कदम को नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों के प्रत्यर्पण की दिशा में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।

ब्रिटिश टीम का खास मिशन

आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक, CPS टीम ने तिहाड़ जेल के उन हिस्सों का मुआयना किया जहां विदेशी या हाई-प्रोफाइल आरोपी रखे जा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से विस्तार से सुरक्षा व्यवस्था और कैदियों की निगरानी प्रणाली, जेल में मेडिकल सुविधाएं और आपातकालीन व्यवस्था और कैदियों से बातचीत के दौरान उनका अनुभव और व्यवहार की जानकारी ली।

भारत सरकार ने टीम को दिलाया भरोसा :

विदित है कि भारत सरकार ने टीम को भरोसा दिलाया कि-

●किसी भी आरोपी से गैरकानूनी पूछताछ या टॉर्चर नहीं होगा।

●जरूरत पड़ने पर जेल परिसर में विशेष एनक्लेव तैयार किया जाएगा।

●हाई-प्रोफाइल कैदियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षित माहौल मिलेगा।

लंबित प्रत्यर्पण और ब्रिटेन की भूमिका :

आपको बता दें कि भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि अभी 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विदेशों में लंबित हैं। इनमें से 20 से ज्यादा मामले ब्रिटेन की अदालतों में अटके हैं। इन मामलों में हथियारों के सौदागर, खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़े लोग और बड़े आर्थिक अपराधी शामिल हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जुलाई 2025 में कहा था कि भारत लगातार ब्रिटेन सरकार और अदालतों के सामने अपना पक्ष रख रहा है ताकि भगोड़ों को जल्द भारत लाया जा सके।


कौन हैं भारत के सबसे बड़े भगोड़े?

गौरतलब है कि भारत के तीन मुख्य भगौड़े जो वहा छुपे हैं उनमें हैं -

● विजय माल्या – बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर भागा। वर्तमान में लंदन में रह रहा है और वहां की अदालतों में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।

● नीरव मोदी – 13,000 करोड़ रुपये के PNB घोटाले का मास्टरमाइंड। वर्तमान में ब्रिटेन की जेल में बंद है, उसकी मानसिक स्थिति पर अदालतें पहले भी सवाल उठा चुकी हैं।

● मेहुल चोकसी – नीरव मोदी का मामा और कारोबारी साझेदार। एंटीगा भागा, फिर डोमिनिका में पकड़ा गया, फिलहाल वहीं कानूनी पेंच में है।

इन तीनों के नाम सुनते ही भारत की जनता का गुस्सा फिर भड़क उठता है, क्योंकि इन घोटालों ने देश के बैंकों और आम जनता की गाढ़ी कमाई पर सीधा वार किया था।

अदालतों की अड़चन :

विदित है कि ब्रिटिश अदालतें अक्सर भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर सवाल उठाती रही हैं जैसे -

भारतीय जेलों की स्थिति पर शंका।

आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई मिलने की गारंटी।

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर।
इसी वजह से पहले भी कई मामलों में सुनवाई टलती रही है। यही कारण है कि तिहाड़ जेल का दौरा इतना अहम माना जा रहा है।

लेकिन अब बड़ा सवाल :

आपको बता दें कि ब्रिटेन की टीम के दौरे के बाद अब उम्मीदें और बढ़ गई हैं। अगर सबकुछ सही रहा तो जल्द ही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की घर वापसी संभव है। विजय माल्या का मामला भी तेजी पकड़ सकता है।लेकिन असली सवाल यही है कि - क्या ब्रिटेन की अदालतें भारत के भरोसे को स्वीकार करेंगी या एक बार फिर तकनीकी कारणों का सहारा लेकर इन भगोड़ों की वापसी को टाल दिया जाएगा?

यह मामला सिर्फ कानूनी या कूटनीतिक नहीं है, बल्कि जनता के भरोसे और गुस्से से जुड़ा हुआ है। देश की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या करोड़ों का चूना लगाने वाले भगोड़े आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंचेंगे या फिर विदेश की अदालतों और पेंचीदा कानूनों में फंसे रहेंगे। तिहाड़ का यह दौरा भारत की जीत की पहली सीढ़ी माना जा रहा है। अब सबकुछ ब्रिटेन के फैसले पर टिका है।

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