अपराध: विदेश जाकर बेहतर करियर बनाने का सपना हर साल लाखों युवाओं को आकर्षित करता है। लेकिन इसी सपने का फायदा उठाकर ठगों के गिरोह लोगों को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में कई शहरों से वीज़ा और जॉब स्कैम के मामले सामने आए हैं, जहाँ युवाओं को विदेश में मोटी सैलरी और आसान नौकरी दिलाने का लालच देकर लाखों रुपये ऐंठे गए।
कैसे होता है ठगी का खेल?...
स्कैमर्स खुद को "इंटरनेशनल जॉब कंसल्टेंसी" या "ऑथराइज्ड एजेंट" बताकर लोगों से संपर्क करते हैं। वे युवाओं को कहते हैं कि कंपनी ने सीधा ऑफर लेटर भेजा है। वीज़ा प्रोसेस बहुत आसान है और जल्दी मिल जाएगा फ्लाइट टिकट और रहने की व्यवस्था कंपनी करेगी।
विश्वास दिलाने के लिए ये गिरोह फर्जी ऑफर लेटर, नकली वीज़ा स्टिकर और बुकिंग रिसीट्स भी दिखाते हैं। शुरुआत में थोड़े पैसे लेकर प्रोसेस शुरू करने का दावा किया जाता है, फिर धीरे-धीरे लाखों रुपये हड़प लिए जाते हैं। रकम मिलते ही एजेंट्स फोन बंद कर गायब हो जाते हैं।
असली केस से संबंधित....
• मुंबई में हाल ही में एक गिरोह ने न्यूजीलैंड और अज़रबैजान में नौकरी दिलाने के नाम पर दर्जनों युवाओं से लाखों रुपये ठगे।
• दिल्ली और यूपी में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ युवाओं को एयरपोर्ट पर जाकर पता चला कि उनका वीज़ा फर्जी है।
कैसे पहचानें वीज़ा और जॉब स्कैम?...
कंसल्टेंसी की जांच करें: देखें कि एजेंसी विदेश मंत्रालय या श्रम मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है या नहीं।
ऑफर लेटर की पुष्टि करें: जिस कंपनी का नाम लिखा है, उसकी आधिकारिक वेबसाइट और ईमेल आईडी से जांच करें।
अत्यधिक पैसे की मांग: अगर कोई एजेंट शुरू में ही लाखों रुपये एडवांस मांगे तो सतर्क हो जाएं।
सरकारी पोर्टल से क्रॉस-चेक: MEA (Ministry of External Affairs) और इमिग्रेशन पोर्टल से जानकारी लें।
भुगतान का तरीका: हमेशा बैंक ट्रांसफर या ड्राफ्ट का इस्तेमाल करें, नकद देने से बचें।
वीज़ा दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें: वीज़ा पर एम्बेसी की सील, नंबर और हस्ताक्षर असली हैं या नहीं, यह देखें।
जल्दी निर्णय का दबाव: अगर एजेंट कहे कि "अभी पैसे दो, वरना ऑफर बंद हो जाएगा" तो यह ठगी का संकेत है।
लिखित कॉन्ट्रैक्ट लें: सभी शर्तें लिखित में लें और किसी कानूनी सलाहकार से जांच करवाएं।
ऑनलाइन रिव्यू पढ़ें: कंपनी का नाम गूगल पर डालकर देखें कि कहीं पहले से कोई शिकायत तो दर्ज नहीं।
साइबर अलर्ट रहें: ईमेल, व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर भेजे गए दस्तावेजों की जांच करें।
विशेषज्ञों की चेतावनी...
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं को लालच और जल्दबाज़ी से बचना चाहिए। असली भर्ती एजेंसियाँ कभी भी तुरंत पैसा जमा करने का दबाव नहीं डालतीं। यदि ऑफर सुनकर बहुत अच्छा लग रहा है तो सबसे पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करना ज़रूरी है।
अगर आपके साथ साइबर क्राइम हो जाए तो आपको कानूनी तौर पर क्या उपाय करने चाहिए....
सबूत तुरंत सुरक्षित रखें (Evidence preservation)
एजेंट/एजेंसी के सारे व्हाट्सऐप चैट, ई-मेल, ऑफर लेटर, रसीदें, बैंक ट्रांज़ैक्शन स्क्रीनशॉट, टिकट/बुकिंग PDF और किसी भी कॉल/व्हॉइस-नोट का बैकअप बनाकर रखें।
स्क्रीनशॉट में समय-तारीख दिखनी चाहिए; ओरिजिनल फ़ाइल्स (PDF, JPG) अलग-अलग फोल्डर में रखें।
क्यों: बिना सबूत के मामला दर्ज कराना और रकम वसूलना कठिन होता है।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें....
ऑनलाइन शिकायत: https://www.cybercrime.gov.in पर जाकर “Report Other Cybercrimes / Financial Fraud” फॉर्म भरें। आप आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं और केस ट्रैक भी कर पाएँगे।
साइबर पोर्टल का हेल्पलाइन नंबर: 1930 (financial fraud)।
नज़दीकी पुलिस स्टेशन में FIR/Complaint दर्ज कराएँ (Criminal case)...
अपने नज़दीकी थाने में जाकर धोखाधड़ी (cheating), फोर्ग़री, क्रिमिनल ब्रेच ऑफ ट्रस्ट आदि धाराओं में FIR/कैसे दर्ज करें। शहर का Economic Offences या Cyber Cell भी contact करें।
बैंक/Payment सेवा को तुरंत सूचित करें (Payment dispute / trace)
अगर पैसा UPI/NEFT/IMPS/credit card से गया है तो अपने बैंक को तुरंत लिखित में बताएं और transaction reversal / chargeback के लिए आवेदन करें।
उपभोक्ता शिकायत (Consumer forum / NCH) दर्ज करें: Civil remedy
यदि एजेंसी प्रॉडक्ट/सर्विस के तौर पर धोखा दे रही है (service not delivered), तो National Consumer Helpline / INGRAM पर शिकायत दर्ज करें या उपभोक्ता आयोग में केस करें।
विदेश मिशन / दूतावास को सूचित करें (If documents claim foreign authority)
यदि आपको किसी विदेशी वीज़ा/दस्तावेज़ की नकल/छल का शिकार होना पड़ता है, संबंधित देश के दूतावास/कांसुलेट को भी रिपोर्ट करें।
सरकारी मिनिस्ट्री/पोर्टल को शिकायत (MEA / Madad / other)
विदेश से जुड़ी धोखाधड़ी की सूचना के लिए Ministry of External Affairs के Madad या संबंधित कंसुलर-grievance चैनल देखें।
कानूनी नोटिस/सिविल मामला और वकील से सलाह...
बड़े नुकसान या जब आरोपी पता चलता है तो वकील के माध्यम से legal notice भेजें और recovery suit चलाएँ।
बैंकिंग/रिज़र्व बैंक की शिकायत (अगर बैंक नाकाम रहा हो)
यदि बैंक ने धोखाधड़ी रोकने में लापरवाही की है, तो RBI के Banking Ombudsman को एपील कर सकते हैं।
सामाजिक/मीडिया और शिकायत ट्रैकिंग...
NCH/Cyberportal में रसीद-नम्बर लेकर केस ट्रैक करें; अगर प्रगति नहीं, तो राज्य/राष्ट्रीय मीडिया या RTI का सहारा लें।