सावधान! दिल्ली में तेजी से फैल रहा हैं ये वायरस: तेज बुखार-बदन दर्द को लेकर अस्पतालों में भीड़ बढ़ी, जानें लक्षण से लेकर बचाव और उपचार के तरीके
सावधान! दिल्ली में तेजी से फैल रहा हैं ये वायरस

स्वास्थ्य: दिल्ली-के अस्पतालों में कुछ सप्ताह से फ्लू-जैसे बीमारियों के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है। जिन मामलों की जांच की गई है, उनमें Influenza A का H3N2 उपप्रकार मुख्य कारण पाया गया है।

मौसम में बदलाव, खासकर मॉनसून-समय की नमी, और हवा में वायरस फैलने की संभावना बढ़ाने वाले अन्य कारक इसे और खतरनाक बना रहे हैं।

अस्पतालों ने सतर्कता बढ़ा दी है। ओपीडी (Out-Patient Departments) और अस्पतालों के आपातकालीन विभागों में बुखार, खांसी, बदन दर्द से पीड़ित मरीज बढ़ रहे हैं।

कौन-कौन से लक्षण दिख रहे हैं?
इस वायरस के शुरुआती लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही हैं। मरीजों को तेज़ बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द और बदन दर्द की शिकायत हो रही है। कई लोगों ने बताया कि थकान और कमजोरी लंबे समय तक बनी रहती है। कुछ मामलों में तो मरीजों को सांस लेने में तकलीफ और छाती में भारीपन तक महसूस हो रहा है। डॉक्टरों ने खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए इस वायरस को खतरनाक बताया है।

कितने दिन तक रहता है रोग?..
आमतौर पर स्वस्थ वयस्कों में 5-7 दिन में हल्के मामलों में आराम मिलना शुरू हो जाता है। लेकिन H3N2 में लक्षण कुछ मामलों में दो सप्ताह तक बने रहते हैं जब संक्रमण गहरा हो या रोगी की प्रतिरक्षा कम हो। अस्पताल भर्ती की ज़रूरत उन मामलों में होती है जहाँ बुखार लगातार बढ़ा हो, सांस लेने में दिक्कत हो या अन्य गंभीर लक्षण हों।

डॉक्टर कब दिखाएँ (Warning Signs)..
निम्न स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है:

  1. बुखार 2-3 दिन से ज़्यादा बना हो और कम न हो रहा हो।

  2. खांसी गहरी हो जाए, सांस लेने में दिक्कत हो या छाती में दबाव महसूस हो।

  3. यदि किसी रोगी को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है (जैसे अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग) तो लक्षणों को हल्के में न लें।

  4. बच्चे, बुज़ुर्गों में कमजोरी, पानी की कमी या भोजन न लेने की समस्या हो।

बचाव और उपचार के उपाय..
• आराम बहुत ज़रूरी है, शारीरिक थकावट से बचें और पर्याप्त नींद लें।
• हाइड्रेशन पानी, सूप, संतुलित पोषण लें; शरीर को पर्याप्त तरल पदार्थ दें।
• ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाएँ जैसे पेरासिटामोल बुखार और दर्द के लिए इस्तेमाल हो सकती हैं, लेकिन यदि ये काम न करें, तो डॉक्टर से सलाह लें।
• एंटीवायरल दवाएँ कुछ मामलों में दी जा रही हैं, विशेष रूप से शुरुआत में या जब लक्षण गंभीर हों।
• साफ-सफाई और स्वच्छता बनाएँ, हाथ धोएँ, खांसते/छींकते समय मुंह ढकें, ज़रूरत होने पर मास्क पहनें।
• भीड़-भाड़ से बचें, खास तौर पर स्कूल, सार्वजनिक परिवहन आदि में।
• यदि उपलब्ध हो, तो फ्लू वैक्सीन लेना उपयोगी है, विशेष तौर पर उन लोगों के लिए जो ज़्यादा जोखिम में हैं।

विशेषज्ञों की टिप्पणियाँ...
डॉ. Vikas Maurya, Fortis अस्पताल, कहते हैं कि मॉनसून का समय ऐसे वायरसों के फैलाव के लिए अनुकूल है क्योंकि नमी से वायरस अधिक समय तक हवा में जीवित रहते हैं।

Dr. Mittal, Pulmonologist, ने बताया कि लोगों ने शिकायत की है कि खांसी और बदन दर्द पिछले फ्लू की तरह जल्दी ठीक नहीं हो रहा, अक्सर हल्केपन तुरंत नहीं आता।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है:
“H3N2 फ्लू को लेकर घबराने की ज़रूरत नहीं है। यह एक वायरल इंफेक्शन है, गंभीर नहीं, लेकिन समय पर पहचान और‌ इलाज ज़रूरी है।”
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली के सभी अस्पताल तैयार हैं जैसे आवश्यक संसाधन, मेडिकल स्टाफ, और संभावित मरीजों के लिए बेड आदि व्यवस्थाएँ बढ़ा दी गई हैं ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित उपचार उपलब्ध हो सके।

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